जिस तत्व दारा -चालक की संतुष्टि होती है वह उदीपन या प्रोत्साहन कहााता है।
यह दो प्रकार का होता है । सकारात्मक, २. नकारात्मक
विशेष :- डेसी ने संज्ञा को अभिप्रेरणा चक्र में शामिल किया है।
जॉन पी डिसेको ने अभिप्रेरणा के चार तत्व बताये हैं
उत्तेजना
प्रोत्साहन
आकांक्षा
दण्ड
प्रेरक: एम- एन+डी+आई
गेट्स व अन्य के अनुसार :-
प्रेरक प्राणी के भीतर की वे दिशाये है जो निस्चित विधियों के अनुसार कार्य करने के लिये प्रेरित करती है।”
मेस्इलो के अनुसार प्रेरक का वर्गीकरण
1- जन्मजात प्रेरक
भूख – कैनन व वाशवर्न ने इसका अध्ययन किया।
शरीर की माँस-पेशीयों में संकुचन होने तथा पीनी की मात्र में कमी होने पर भूख नामक प्रेरक उत्पन्न होता है।
(ii) इप्सटीन ने प्यास पर उबल डिप्लेशन सिद्धांत दिया है।
प्यास के दो कारण होते हैं 1. पानी की कमी से तथा 2. रक्त की कमी से।
(ⅲ) काम- फ्रायड़
(iv) नींद – क्लिंटमैन
{v}मल मूत्र त्याग प्रेरक
नींद भी दो प्रकार की होती है-
1 तीव्र आंख गतिक
२- अतीव आंख गतिक