DM कैसे बनें : हर व्यक्ति अपने जीवन में एक सफल इंसान बनना चाहता है। कोई व्यक्ति आगे चलकर इंजीनियर बनने का शौक रखते हैं तो कोई शिक्षक तो कोई व्यक्ति किसी अच्छे पद पर स्थापित होकर जनता की सेवा करना चाहते हैं। तो कोई पुलिस में भर्ती होना चाहता है। मैं आपको एक ऐसी पद की बारे में जानकारी देने वाले हैं जो कि एक जिला का मालिक होता है वह है डीएम। मैं इस आर्टिकल में डीएम बनने के लिए पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक देने वाले हैं। इसे आप पढ़ कर जान पाएंगे कि डीएम कैसे बने ?इसकी तैयारी कैसे की जाती है ?एवं इसकी क्वालिफिकेशन क्या होना चाहिए ? इन सभी जानकारी इस आर्टिकल में देने वाले हैं। कृपया आप इस आर्टिकल को पढ़े और जानकारी प्राप्त करें।
DM किसे कहते हैं ?
डीएम यानी कि जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर जिसे जिला अधिकारी के नाम से भी जाना जाता है। डीएम एक जिले का मालिक होते हैं। डीएम के पास प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए जिम्मेदारी होती है। DM जीस जिले में स्थापित होते हैं उस जिला में होने वाले अपराधिक मामले को रोकथाम करने का काम करते हैं। एवं इन जिलों में घटित घटना की मामलों की भी सुनवाई किया जाता है।
DM का कार्य क्या है ?
डीएम के मुख्य कार्य निम्न बिंदुओं में नीचे दिए गए हैं आप इसे पढ़कर जानकारी प्राप्त करें।
- डीएम के द्वारा भूमि का मूल्यांकन के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण भी किया जाता है।
- इनके द्वारा कृषि ऋण का वितरण भी किया जाता है।
- आयकर,उत्पाद शुल्क, सिंचाई बकाया को डीएम करते है।
- बाढ़,सुखा और महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय सुनिश्चित राशि प्रदान करना।
- बाहरी आक्रमण और दंगों के समय संकट प्रबंधन के काम
- जिले की हर शहर में होने वाले गतिविधियों पर ध्यान रखना।
डीएम बनने के लिए योग्यता क्या है ?
डीएम बनने के लिए विद्यार्थी को कम से कम बैचलर की डिग्री होनी चाहिए। यदि किसी विद्यार्थी एमबीबीएस या किसी दूसरे मेडिकल एग्जाम को पास कर गए हैं लेकिन इंटेटशिप पूरा नहीं कर पाए हैं तो आप यूनिवर्सिटी से फाइनल मेडिकल एग्जाम का सर्टिफिकेट दिखाकर इस फॉर्म को भर सकते हैं।
उम्र सीमा
इसके लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष जबकि अधिकतम आयु 30 वर्ष निर्धारित की गई है। सरकारी निर्देशानुसार OBC वर्ग के विद्यार्थी के लिए 3 वर्ष छूट दी गई है जबकि SC और ST वर्ग के विद्यार्थी के लिए 5 वर्ष की छूट दिया गया है। OBC विद्यार्थी 33 वर्ष तक डीएम बन सकते हैं। जबकि SC- ST वाले विद्यार्थी 35 वर्ष तक डीएम बनने योग्य हैं।
डीएम की प्रारंभिक परीक्षा के लिए सिलेबस
पेपर प्रथम – भारतीय इतिहास, समान विज्ञान, भारतीय राजनीति, वर्तमान घटनाएं, सामान्य मुद्दे, भारतीय भूगोल, विश्व भूगोल, सामाजिक विकास तथा आर्थिक विकास
दूसरा पेपर : – संचार कौशल,अंतवैर्यकीतिक, अंग्रेजी कौशल, अंग्रेजी समझ, भाषा कौशल, विद्यार्थी के द्वारा जिस विषय चुना गया है, निर्णय लेने का कौशल ,समस्या सुलझाने की क्षमता मानसिक क्षमता एवं बुनियादी संख्या
मुख्य परीक्षा के लिए सिलेबस
पेपर | सिलेबस | अंक | अवधि |
निबंध | किसी भी विषय पर निबंध | 250 | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन 1 | भारतीय विरासत, संस्कृति,भूगोल | 250 | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन 2 | संविधान, शासन,सामाजिक न्याय | 250 | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन 3 | प्रौद्योगिकी, पर्यावरण,आपदा प्रबंधन | 250 | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन 4 | नैतिकता, अखंडताऔर योग्यता | 250 | 3 घंटे |
वैकल्पिक विषय 1 | कोई | 250 | 3 घंटे |
वैकल्पिक विषय 2 | कोई | 250 | 3 घंटे |
पेपर 1 | भारतीय भाषा( भाषा में से कोई भी) | 300 | 3 घंटे |
पेपर 2 | अंग्रेजी भाषा | 300 | 3 घंटे |
विद्यार्थी के द्वारा वैकल्पिक विषय चुनने के लिए निम्न विषय होते हैं जो कि नीचे दिए गए हैं।
कानून, भौतिक विज्ञान, सांख्यिकी, दर्शनशास्त्र, जूलॉजी, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, राजनैतिक विज्ञान, मेडिकल साइंस, प्रबंधन, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, अर्थशास्त्र, इतिहास, भूगोल, गणित, भूगर्भशास्त्र, कॉमर्स, कृषि, पशुपालन, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान,एंथ्रोपोलॉजी आदि।
डीएम बनने के लिए क्या करें ?
डीएम बनने के लिए विद्यार्थी को ट्वेल्थ पास होनी चाहिए इसके साथ बैचलर डिग्री की भी डिग्री होनी चाहिए। इसके लिए विद्यार्थी के द्वारा प्रारंभिक परीक्षा पास होने के बाद मुख्य परीक्षा लिया जाता है। यदि आप दोनों परीक्षाएं में पास होते हैं तो आपसे इंटरव्यू ली जाएगी जिसके बाद आप डीएम के पद पर स्थापित हो सकेंगे।
डीएम की सैलेरी कितनी होती है।
डीएम की सैलरी प्रति महीना 56100 से लेकर ₹118500 मिलता है। इसके साथ डीएम को हर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है जैसे कि रहने के लिए आवास, चलने के लिए गाड़ी,खाना बनाने के लिए नौकर एवं सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्ड पुलिस और बहुत सारी सुविधाएं जिला अधिकारी को दिया जाता है।
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